Friday, August 30, 2013

हिन्दी में नाट्य द्वारा अभिव्यक्ति क्षमता का विकास



विषय- गिल्लू’ पाठ के आधार पर नाट्य द्वारा पशु-प्रेम की अभिव्यक्ति करनी।

आज समाज में मनुष्य-मनुष्य के बीच आत्मीयता का अभाव आ रहा है तो पशु-प्रेम की गुँजाईस कहाँ है ! ऐसे अवसर पर बच्चों का न सिर्फ मनुष्यता का विकास हो बल्कि प्राणी-जगत के प्रति भी सहानुभूति का संचार हो यह आवश्यक हैं।

इस विषय पर वज़न देते हुए दिनांक 27 से 29, जून 2013 को हिन्दी विषय के अंतर्गत हिन्दी शिक्षक मुकेशभाई जोशी के मार्गदर्शन में कक्षा 9 में नाट्या का आयोजन किया गया था। जिसमें विद्यार्थियों ने सहर्ष हिस्सा लेकर इस कार्यक्रम का आनंद लिया।
















वर्ग के सभी बच्चों को चार जुथ में विभाजित किया गया। हर जुथ ने अपना पशु-प्रेम एवं नाटकीय गुणों को एवं अपने हाव-भाव को स्वयं को मिले पात्र द्वारा निरूपणकर स्वतंत्र भावाभिव्यक्ति की।

हिन्दी शिक्षक मुकेशभाई जोशी

हिन्दी पठन-कौशल का विकास



(कक्षा 9 में पठन कार्यक्रम का आयोजन )

आज के प्रतियोगिताओं से भरे संसार में अनवरत प्रगति करनी हो तो ज्ञान परमावश्यक हैं। और ज्ञान के विकास के लिए पठन-शैली में उत्कृष्टता हो अनिवार्य है। बच्चों का पठन शुद्ध उच्चारणयुक्त होगा तो पठनीय सामग्री बुद्धि ग्राह्य बनेगी।







इसी उद्देश्य की पूर्ति हेतु दिनांक 26, जून 2013 को हिन्दी विषय के अंतर्गत कक्षा 9 में पठन कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। हिन्दी शिक्षक मुकेशभाई जोशी के मार्गदर्शन में ये आयोजन किया गया, जिसमें विद्यार्थियों ने पठन शैली का विकास, शुद्ध उच्चारण, ‘र’ के विभिन्न उपयोगादि का अभ्यास किया।

हिन्दी शिक्षक मुकेशभाई जोशी